शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत कथा जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¯à¤œà¥à¤ž दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हाबड़ा के बांधाघाट के बगेशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में चल रहे आठदिवसीय à¤à¤¾à¤—वत कथा के छठे दिन à¤à¤¾à¤—वत आचारà¥à¤¯ जय पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने बाल लीला,à¤à¤—वानॠके गिरिराज बनने की कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ ! हाबड़ा के बंगेशà¥à¤µà¤° महादेव मंदिर में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥à¤à¤¾à¤—वत पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° समिति दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित आठदिवसीय à¤à¤¾à¤—वत कथा के छठे दिन à¤à¤—वता आचारà¥à¤¯ जय पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि गौ माता संतान धरà¥à¤® की रीॠकी हडà¥à¤¡à¥€ है। गो बचेगी तो सनातन धरà¥à¤® बचेगा हमारे सनातन धरà¥à¤® मे कोई à¤à¥€ संसà¥à¤•à¤¾à¤° पंचगवà¥à¤¯ के बिना समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ नही होता। गौ सेवा से सबà¥à¤œà¥€ देवी-देवताओं की पूजन होती है। जिस घर में गौ सेवा होती है, वहां अनà¥à¤¨, धन, संतान का कà¤à¥€ अà¤à¤¾à¤µ नही होता।
गिरिराज पूजन पर बोलते हà¥à¤ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने कहा कि इंदà¥à¤° को अपने इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¨à¥‡ (देवराज पद) का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ हो गया था। उसी अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ को दूर करने के लिठशà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने ननà¥à¤¦ आदि गोपियों को करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦ का उपदेश दे कर नितà¥à¤¯ से चली आ रही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ और रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ इंदà¥à¤° की पूजा बंद करवा कर गिरिराज पूजन की नई परंपरा का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ करवाया। इंदà¥à¤° का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ दूर हà¥à¤†, कृषà¥à¤£ से कà¥à¤·à¤®à¤¾à¥¤à¤¯à¤¾à¤šà¤¨à¤¾ की। शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने कहा-इंदà¥à¤° तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ अपने पद का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ हो गया था। à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ पा कर तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ à¤à¥‚ल गठथे। अपनी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दिलाने के लिठमैंने तà¥à¤®à¥à¤¹à¤°à¥€ पूजा बंद करवा दी। अबसे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤°à¤¾ पूजन न हो कर गिरिराज का पूजन होगा। इनके पूरà¥à¤µ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने बाल लीला,à¤à¤—वानॠके गिरिराज बनने की कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की बाल लीलाओं का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की गई माखन चोरी, पूतना वध, कालिया नाग वध, गà¥à¤µà¤¾à¤² बाल सखा à¤à¤µà¤‚ गोपियों के साथ उनके अनेक लीलाओं का वरà¥à¤£à¤¨ किया।कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अतिथि के रूप में पहà¥à¤‚चे बà¥à¤°à¤¿à¤œ मोहन बेरीवाल, चंडी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बंसल(संरकà¥à¤·à¤•), विजय कà¥à¤®à¤¾à¤° बोंडिया और कलकतà¥à¤¤à¤¾ पिंजरापोल सोसाइटी के महासचिव पà¥à¤°à¤¸à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® परसरामपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ने वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤ªà¥€à¤ की आरती की और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया !शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° समिति की ओर से मनोज लà¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤²à¤¾ और आनंद जैन ने सà¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को आज विषà¥à¤£à¥ महायजà¥à¤ž और रà¥à¤•à¥à¤®à¤£à¤¿ विवाह के लिठसादर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया !
गिरिराज पूजन पर बोलते हà¥à¤ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने कहा कि इंदà¥à¤° को अपने इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¨à¥‡ (देवराज पद) का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ हो गया था। उसी अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ को दूर करने के लिठशà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने ननà¥à¤¦ आदि गोपियों को करà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦ का उपदेश दे कर नितà¥à¤¯ से चली आ रही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ और रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ इंदà¥à¤° की पूजा बंद करवा कर गिरिराज पूजन की नई परंपरा का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ करवाया। इंदà¥à¤° का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ दूर हà¥à¤†, कृषà¥à¤£ से कà¥à¤·à¤®à¤¾à¥¤à¤¯à¤¾à¤šà¤¨à¤¾ की। शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ ने कहा-इंदà¥à¤° तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ अपने पद का अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ हो गया था। à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ पा कर तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ à¤à¥‚ल गठथे। अपनी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ दिलाने के लिठमैंने तà¥à¤®à¥à¤¹à¤°à¥€ पूजा बंद करवा दी। अबसे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤°à¤¾ पूजन न हो कर गिरिराज का पूजन होगा। इनके पूरà¥à¤µ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी ने बाल लीला,à¤à¤—वानॠके गिरिराज बनने की कथा सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की बाल लीलाओं का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की गई माखन चोरी, पूतना वध, कालिया नाग वध, गà¥à¤µà¤¾à¤² बाल सखा à¤à¤µà¤‚ गोपियों के साथ उनके अनेक लीलाओं का वरà¥à¤£à¤¨ किया।कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अतिथि के रूप में पहà¥à¤‚चे बà¥à¤°à¤¿à¤œ मोहन बेरीवाल, चंडी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ बंसल(संरकà¥à¤·à¤•), विजय कà¥à¤®à¤¾à¤° बोंडिया और कलकतà¥à¤¤à¤¾ पिंजरापोल सोसाइटी के महासचिव पà¥à¤°à¤¸à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® परसरामपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ ने वà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤ªà¥€à¤ की आरती की और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लिया !शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤¾à¤—वत पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° समिति की ओर से मनोज लà¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤²à¤¾ और आनंद जैन ने सà¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को आज विषà¥à¤£à¥ महायजà¥à¤ž और रà¥à¤•à¥à¤®à¤£à¤¿ विवाह के लिठसादर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया !