धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से पढे । जीवन मे पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करे!
★ à¤à¤• हाथ से पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® नही करना चाहिà¤à¥¤
★ सोठहà¥à¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का चरण सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ नहीं करना चाहिà¤à¥¤
★ बड़ों को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करते समय उनके दाहिने पैर पर दाहिने हाथ से और उनके बांये पैर को बांये हाथ से छूकर पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करें।
★ जप के बाद आसन के नीचे की à¤à¥‚मि को सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ कर नेतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से लगाना चाहिà¤à¥¤
★ संकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿, दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¥€, अमावसà¥à¤¯à¤¾, पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾, रविवार और सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ के समय तà¥à¤²à¤¸à¥€ तोड़ना निषिदà¥à¤§ हैं।
★ दीपक से दीपक को नही जलाना चाहिà¤à¥¤
★ यजà¥à¤ž, शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ आदि में काले तिल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤, सफेद तिल का नहीं।
★ शनिवार को पीपल पर जल चà¥à¤¾à¤¨à¤¾ चाहिà¤à¥¤ पीपल की सात परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करनी चाहिà¤à¥¤ परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ करना शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ है,
★ कूमड़ा-मतीरा-नारियल आदि को सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ नहीं तोड़े या चाकू आदि से नहीं काटें। यह उतà¥à¤¤à¤® नही माना गया हैं।
★ à¤à¥‹à¤œà¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ को लाघंना नहीं चाहिà¤à¥¤
★ देव पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ देखकर अवशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करें।
★ किसी को à¤à¥€ कोई वसà¥à¤¤à¥ या दान-दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ दाहिने हाथ से देना चाहिà¤à¥¤
★ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€, अमावसà¥à¤¯à¤¾, कृृषà¥à¤£ चतà¥à¤°à¥à¤¦à¤¶à¥€, पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ तथा शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ के दिन कà¥à¤·à¥Œà¤°-करà¥à¤® (दाà¥à¥€) नहीं बनाना चाहिठ।
★ बिना यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¤¿à¤¤ या शिखा बंधन के जो à¤à¥€ कारà¥à¤¯, करà¥à¤® किया जाता है, वह निषà¥à¤«à¤² हो जाता हैं।
★ शंकर जी को बिलà¥à¤µà¤ªà¤¤à¥à¤°, विषà¥à¤£à¥ जी को तà¥à¤²à¤¸à¥€, गणेश जी को दूरà¥à¤µà¤¾, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ जी को कमल पà¥à¤°à¤¿à¤¯ हैं।
★ शंकर जी को शिवरातà¥à¤°à¤¿ के सिवाय कà¥à¤‚कà¥à¤® नहीं चà¥à¤¤à¥€à¥¤
★ शिवलिंग पर हलà¥à¤¦à¥€ नही चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¥¤
★ शिवजी को कà¥à¤‚द, विषà¥à¤£à¥ जी को धतूरा, देवी जी को आक तथा मदार और सूरà¥à¤¯ à¤à¤—वान को तगर के फूल नहीं चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¥¤
★ अकà¥à¤·à¤¤ देवताओं को तीन बार तथा पितरों को à¤à¤• बार धोकर चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¥¤
★ नये बिलà¥à¤µ पतà¥à¤° नहीं मिले तो चà¥à¤¾à¤¯à¥‡ हà¥à¤ बिलà¥à¤µ पतà¥à¤° धोकर फिर चà¥à¤¾à¤ जा सकते हैं।
★ विषà¥à¤£à¥ à¤à¤—वान को चावल गणेश जी को तà¥à¤²à¤¸à¥€, दà¥à¤°à¥à¤—ा जी और सूरà¥à¤¯ नारायण को बिलà¥à¤µ पतà¥à¤° नहीं चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¤‚।
★ पतà¥à¤°-पà¥à¤·à¥à¤ª-फल का मà¥à¤– नीचे करके नहीं चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¤‚, जैसे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होते हों वैसे ही चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¤‚।
★ किंतॠबिलà¥à¤µà¤ªà¤¤à¥à¤° उलटा करके डंडी तोड़कर शंकर पर चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¤‚।
★पान की डंडी का अगà¥à¤°à¤à¤¾à¤— तोड़कर चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¤‚।
★ सड़ा हà¥à¤† पान या पà¥à¤·à¥à¤ª नहीं चà¥à¤¾à¤µà¥‡à¥¤
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विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखे
गणेश को तà¥à¤²à¤¸à¥€ à¤à¤¾à¤¦à¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ को ही चà¥à¤¤à¥€ हैं।
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★ पांच रातà¥à¤°à¤¿ तक कमल का फूल बासी नहीं होता है।
★ दस रातà¥à¤°à¤¿ तक तà¥à¤²à¤¸à¥€ पतà¥à¤° बासी नहीं होते हैं।
★ सà¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¥‹ में पतà¥à¤¨à¥€ को दाहिने à¤à¤¾à¤— में बिठाकर धारà¥à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करनी चाहिà¤à¥¤
★ पूजन करनेवाला ललाट पर तिलक लगाकर ही पूजा करें।
★ पूरà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¥à¤– बैठकर अपने बांयी ओर घंटा, धूप तथा दाहिनी ओर शंख, जलपातà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ पूजन सामगà¥à¤°à¥€ रखें।
★ घी का दीपक अपने बांयी ओर तथा देवता को दाहिने ओर रखें à¤à¤µà¤‚ चांवल पर दीपक रखकर पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ करें।